उल्टा पैर

अकसर लोग कहते हैं की जो चुड़ैल होती हैं उसका पैर पीछे की तरफ मुरा हुआ होता हैं और पीठ की हड्डी अंदर की तरफ धसा होता हैं। क्या सचमुच चुड़ैल का पैर पीछे की तरफ घुमा होता हैं, और पीठ की हड्डी अंदर की तरफ धसा रहता हैं। ये बात हकीकत हैं की जो एक बार उन अदृश्य ताकतों को देख ले फिर से उसके पास दुबारा उसे देखने की हिम्मत नहीं होती। वो तो चाहता हैं की फिर से दुबारा उस से भेट न हो।

ये कहानी किसी लड़के की आप बीती हैं, पर यकीन करने लायक नहीं हैं, हो सकता हैं की वो लड़का झूठ बोल रहा हो। पर जो भी हो कहानी कुछ रोमांचक जरूर हैं।

कोई आदमी ये नहीं जनता हैं की अगले पल उसके साथ क्या होगा और कौन सा हादसा हो सकता हैं। एक लड़के का डेकोरेशन का कारोबार था। उसकी बहुत बड़ी डेकोरेशन की दुकान तो नहीं थी, फिर भी शादी विवाह के समय अच्छा खासा पैसा काम लेता था। इसी तरह एक दिन किसी की शादी के लिए उस लड़के का डेकोरेशन बूक हुआ था। उस लड़के के पास शादी विवाह में सजाने के लिए खुद का अच्छा खासा लाइट और खुद का एक जनरेटर भी था। जिसे वो शादी विवाह में बुक करता था। एक रात वो बुकिंग पर गया हुआ था।

वो शाम के समय जनरेटर चला कर सभी सजाये गए लाइट को जला कर उसे देखने लगा। उस लड़के ने चेक कर के देखा की सभी लाइट ठीक से जल रही हैं या नहीं पूरी तरह से संतुस्ट होने के बाद वो अपने जनरेटर के पास चला आया और वही पर खाट पे आ कर बैठ गया। उसका डेकोरेशन जहा पर बुक हुआ था वो छोटी सी बस्ती थी और सामने ही एक पॉलिटेक्निक कॉलेज भी था। उस कॉलेज के आगे एक डैम भी हैं। जहा से पानी का सप्लाई पुर शहर में होती हैं। वो लड़का खाट पे लेट गया और जनरेटर की रखवाली करने लगा। कुछ देर के बाद उस लड़के ने सोचा की चलो डीजल चेक कर लेता हूँ। सुबह तक चल पायेगा या नहीं। उसे पूरा यकीन था, की उस ने जितना डीजल जनरेटर में डाला है। वो सुबह तक चल जायेगा। वो लड़का डीजल चेक कर के तस्सली के साथ खाट पर जा कर बैठ गया। और काफी देर के बाद उस लड़के को सुझा की शादी विवाह का मामला हैं, रात में डीजल के चलते अगर जनरेटर रुक गया तो, बहुत सामत आ जाएगी।

वो लड़का खाट से उठा और डीजल का डब्बा ले कर पैदल ही डीजल लाने चल दिया। वो सोचा की अभी जनरेटर ठीक चल रहा हैं, और अभी बंद नहीं होगा। तब तक मैं डीजल ले कर तुरंत वापस भी चला आऊंगा। उसने अकेले ही जाने का फैसला किया और फिर डीजल लेने चला गया। पेट्रोल पंप उस बस्ती से महज दो किलोमीटर की दुरी पर थी। वो बस्ती मेन रोड के किनारे था। लड़का तेजी से चलते हुए पेट्रोल पंप के पास पंहुचा और फिर अपने साथ लाये हुए तेल की गिलन में डीजल डलवा कर फिर तेजी से बस्ती के तरफ रवाना हो गया। रात के तक़रीबन दस बज चुके होंगे। उस रास्ते में कोई भी पैदल नहीं चल रहा था। रास्ता बिलकुल सुन शान लग रहा था। उस रास्ते कोई भी साइकिल या फिर पैदल आना जाना नहीं कर रहा था। वो डीजल का डब्बा ले कर पेट्रोल पंप से कुछ आगे जैसे ही बढ़ा, की उसे उस रास्ते में आगे आगे एक ;लड़की चलती हुई दिखी। वो लड़की अकेली थी और धीरे धीरे आगे की तरफ बढ़ रही थी।

उस लड़के की रफ़्तार तेज थी और कुछ ही देर में वो पैदल ही उस लड़की तक पहुच गया। वो सोचा की ये लड़की जरूर शादी घर जा रही होगी, ये लड़की सामने किसी बस्ती में रहती होगी। वो लड़की भी काफी सजी सवरी दिख रही थी जैसे किसी पार्टी में जा रही हो। जैसे ही वो लड़का उस लड़की के सामने पंहुचा, तो वो लड़की ही सब से पहले बोल पड़ी। साहेब प्लीज मेरे साथ पॉलिटेक्निक कॉलेज तक चलिए मुझे इस रास्ते अकेले चलने में डर लग रहा हैं। वो लड़का चाहता ही था की लड़की उस से बात करे। पर उस लड़के के बात शुरू करने से पहले ही वो लड़की बात करने की शुरुआत कर चुकी थी। लड़का भी उस से बात करना चाहता था, पर वो लड़की ही पहले बात करना चालू कर दी। अब उस लड़के का हौसला भी बढ़ गया। फिर दोनों बातें करते करते आगे की तरफ बढ़ने लगे। उस शुनशान सड़क पर सिर्फ दो ही थे एक तो वो लड़का और उसके साथ वो लड़की।

कभी कभार कोई ट्रक या बस उस रास्ते से गुजरती और उन दोनों पर उजाला करते हुए आगे की तरफ निकल जाती। उस लड़के के हाथ में डीजल का डब्बा था, और वो लड़का धीरे धीरे उस लड़की से बाते करते हुए आगे की तरफ बढ़ रहा था। लड़का सोच रहा था की आज रात ये रास्ता ख़त्म ही न हो। उस लड़के ने उस लड़की से पूछा की आप इतने रात गए कहा से आ रहे हैं। तो वो लड़की बोली की मैं यहाँ महिला पॉलिटेक्निक में पढ़ती हूँ।

मैं इस पॉलिटेक्निक में इलेक्ट्रॉनिक में इंजीनियरिंग कर रही हूँ, और पॉलिटेक्निक के होस्टल में रहती हूँ। सामने बस्ती में मेरी सहेली रहती हैं जिस से मैं मिलने गई थी, इसलिए देर हो गई। वो लड़का थोड़ा रोमांटिक टाइप का था वो उस लड़की को पटाने लगा। ऐसे ही बातो बातों में थोड़ी और देर हो गई। उस लड़के की बाते सुन कर लड़की कभी कभार हस्ती और कोई बात सुन कर वो लड़का भी हस्ता। सामने से आती हुई गाड़ी की रौशनी जब उस लड़की के पैर पर पड़ी और जब वो लड़का उस लड़की का पैर देखा तो उसके होश ही उड़ गया। लड़का ने देखा की उस लड़की का पैर पीछे की तरफ मुड़ा हुआ है, और उस लड़की का शरीर आगे की तरफ है। लड़का उस लड़की का पैर देखा और रुक गया, अब वो लड़की भी वही रुक गई। दोनों आमने सामने खड़ा हो गए। लड़की पूछी की क्या हुआ क्यू रुक गए। वो लड़का समझ चूका था की ये कोई आम लड़की नहीं हैं। उस लड़के ने कहा की कुछ भी नहीं, तब उस लड़की ने कहा की अभी तो तुम मुझ पे डोरे डाल रहे थे।

मुझ से हँस-हँस कर बातें कर रहे थे। अचानक तुम्हे क्या हो गया हैं। अब तो उस लड़के की बोलती ही बंद हो चुकी थी। वो कुछ कहने के काबिल ही नहीं था, उसका तो शरीर डर से कॉप रहा था। तब वो लड़की बोली मुझे पता हैं की अब तुम हकीकत जान चुके हो। मैं वो नहीं हूँ जो तुम ने पहले सोचा था। मैं इस वीराने में अकेले ही भटकती रहती हूँ। पर आज तक मुझे कोई अपना नहीं मिला। मैं जिसे अपना मानती थी, उस ने भी मुझे ठुकरा दिया और मैं इस वीराने में भटालने लगी। फिर उस लड़की ने कहा की क्या तुम मेरा साथ दोगे। इतना सुनना था की, उस लड़के का होश ही उड़ गया। उस लड़के ने सोचा की अब ये चुड़ैल मुझे मार डालेगी। अब वो लड़का अपना डीजल का डब्बा वही पटक दिया और पूरी तेजी से भागना शुरू कर दिया। भागते भागते वो लड़का जहाँ शादी हो रही थी वहाँ पंहुचा और गीर गया।

सभी लोग परेशान थे, की ये लड़का दौड़ते-दौड़ते यहाँ आया और फिर गिर क्यों गया। उसके आँखों में पानी झोखा गया और उसे पानी पिलाई गई तब जा कर उसे होश आया। होश में आने के बाद उस लड़के ने सभी को अपनी आप बीती सुनाई। सभी सोच में भी पर गए। पर बस्ती के बहुत से आदमी जानते भी थे। की कोई लड़की हैं, जो रात के समय मेन रोड पर कभी कभी दिखती हैं। कभी-कभी तो डेम के पास वो दिन में भी दिख जाती हैं। लोगों ने उस लड़की के बारे में उस लड़के को बताया, की वो लड़की किसी लड़के से प्यार करती थी। जब उस लड़के ने उस लड़की को धोखा दिया, तो वो लड़की काफी टेंशन में आ कर डेम में कूद कर अपनी जान दे दी। वही लड़की कभी कभी पॉलिटेक्निक और डेम के बीच दिखती हैं और मेन रोड में अकेले चलते हुए दिख जाती हैं।

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