एक लड़का जिसका नाम परमेश्वर है उसकी उम्र अभी 32 वर्ष होगी। बाद उस समय की है जब वो 26 वर्ष का था और अपनी बूढ़ी माँ के साथ रहता था। एक दिन जब वो किसी सुनसान रास्ते से आ रहा था तो रास्ते में एक इमली का बहुत बड़ा पेड़ हुआ करता था। जिसके अंदर छोटा सा गुभा जैसा बन गया था। जब परमेश्वर उस पेड़ के सामने से गुजर रहा था तभी उसे 3-4 चूड़ेलोन ले पकड़ कर अपने साथ पेड़ की गुभा में लेकर चले गए। माना जाता है की दोपहर 12 बजे और रात 12 बजे का जो समय होता है वो चूड़ेलोन और भूतों का होता है इसलिए सुनसान इलाकों में 12 बजे नहीं जाना चाहिए।
चूड़ेलोन का एक समूह उन्हे अपने साथ उस पेड़ की गुभा में इतनी अंदर लेकर चले गए जहां पर उनका बहुत बड़ा घर था। परमेश्वर ये सब देखकर हेरान और अचरज में पड़ गया की इस छोटे से गुभा जिसमें किसी आदमी का हांथ भी ठीक से नहीं घुस सकता है उसमें इतना बड़ा घर कहाँ से आ गया। वहाँ पर चूड़ेलोन का पूरा परिवार रहता था।
वे लोग परमेश्वर को वहाँ पर लेजाकर उस से शादी करने का विचार करने लगे। उनके परिवार का जो मुखिया था उसने परमेश्वर को बोला की बताओ तुम किस से शादी करोगे। ये सब सुन के परमेश्वर की हालत खराब होती जा रही थी। उसने किसी भी चुदेल को आँख उठाकर नहीं देखा, बस अपनी मुंडी नीचे किए रखता था, जब से वो वहाँ पर गया था। क्योंकि उनलोङ्गो का चहरा इतना दरवाना था की वो देखकर ही मर जाता। वो वहाँ पर सिर्फ रोता रहता था ।
उनलोङ्गो ने उसे खाने के लिए इमली के पत्ते दिये, जिसमें कीचड़ का दहि और मिट्टी – कंगड़ की सब्जी थी। तभी बाहर से एक बूढ़ी जैसी चूड़ेल वहाँ पर आई और बोली की तुमलोग इसे क्यों परेशान कर रहे हो। इसके घर में इसकी बूढ़ी माँ है जो एकदम एकेलि है और इसके याद में सिर्फ रोती रहती है।
इस लड़के को तुमलोग जाने दो। यह सब सुन कर चूड़ेलोन ने उसे एक सर्त पे छोड़ने का वादा किया की वो वापिस यहाँ पर जरूर आएगा। इसलिए उन्होने परमेश्वर को छोडने से पहले पूछा की फिर कब आयोगे ? तो परमेश्वर ने जवाब दिया की जब कटहल के पेड़ के सारे पत्ते छड़ कर खत्म हो जाएंगे तब में वापिस आ जाऊंगा। तब जा के उन्होने परमेश्वर को छोड़ दिया। लेकिन सोचने वाली बात ये थी की कटहल के पेड़ के पत्ते कभी पूरी तरह से नहीं झड़ते। याने की परमेश्वर ने अपने दिमाग का इस्तेमाल कर के उनके चंगुल से हमेशा के लिए निकल आया था।