ये कहानी किसी राज्य के किसी जिले की हैं। जहाँ पे बहुत से मजदूर मजदूरी करने जाते थे। ये मजदूर पैसा कमाने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य जाते हैं। इसी तरह एक लड़का भी दूसरे राज्य पैसा कमाने के लिए गया था। वो लड़का सुबह से लेकर शाम तक कड़ी मेहनत करता था और पैसे कमाता था। एक रोज वो लड़का
अपना काम ख़त्म कर के, अपने किराये के मकान पंहुचा। उस लड़के ने घर आने से पहले रास्ते में मछली ख़रीदा था। जब वो अपने किराये के मकान में पंहुचा, तो रात के करीबन नौं बज चुके थे। वो लड़का हमेशा अपने साइकिल से डयूटी जाया करता था।
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उस दिन भी वो अपनी साइकिल से ही डयूटी गया था। वो लड़का अपने किराये के मकान पहुच कर दिवार में, अपना साइकिल सटा कर मछली का झोला उतार कर अपने मकान का दरवाजा खोला। और झोला को अपने मकान में रख दिया। फिर मछली का झोला अपने रूम में रख कर बाहर निकला। घर के बाहर कुछ ही दुरी से जंगल शुरू हो जाता था। जंगल काफी बड़ा तो नहीं था फिर भी बहुत घना था। घर के बाहर पानी को जमा करने के लिए एक टब बना था।
जहाँ पे वो लड़का नहाता था। या फिर अपना हाथ पैर धोता था। उस रात भी वो लड़का अपना हाथ पैर धो कर अपने कमरे में चला गया। रात हो चुकी थी और खाना भी बनाना था। इसलिए वो ज्यल्दी-ज्यल्दी खाना बनाने की तैयारी करने लगा। जब वो लड़का मछली धो कर पानी को बाहर फेकने निकला तो देखा की एक लड़की पानी के टब के पास बैठी हुई हैं।
वो लड़का सोचने लगा और सोचा की ये बच्ची जरूर सामने किसी बस्ती से आई होगी, जो अपना रास्ता भटक गई होगी। वो लड़का उस बच्ची के पास गया, और बोला की बेटी तुम कहाँ से आई हो और यहाँ क्या कर रही हो। उस लड़की ने अपना हाथ उठा कर जंगल की तरफ इशारा किया। वो लड़का समझा की इस जंगल के पार एक और बस्ती हैं। हो सकता हैं की ये लड़की रास्ता भटक कर यहाँ तक पहुच गई होगी। फिर लड़के ने उस लड़की से उसका नाम पूछा। पर वो लड़की अपना नाम नहीं बता पाई।
उसके बाद लड़के ने उस लड़की से उसके माता पिता का नाम पूछा फिर भी वो लड़की कुछ भी नहीं बता पाई। वो लड़का उस मकान में अकेले रहता था। उस लड़के ने सोचा की इस लड़की को लेकर सामने बस्ती की तरफ जाता हूँ। शायद इसे वहा कोई पहचान ले। लेकिन रात भी काफी हो चुकी थी और बस्ती भी सुनशान हो चुकी थी। उस लड़के ने सोचा की अगर इसे लेकर बस्ती में अभी घूमते हैं, तो हर घर का दरवाजा खट खटाना पड़ेगा। हो सकता हैं की बस्ती वाले नाराज हो जाये। इसलिए इसे आज अपने साथ रख लेता हूँ। अगर इसके माता पिता इसे खोजते खोजते यहाँ तक आएंगे तो उन्हें ये लड़की सौप दूंगा। इसके बाद लड़के ने उस छोटी सी लड़की से पूछा “बेटी आप को भूख लगी हैं”। तो उस लड़की ने अपना सिर ऊपर निचा कर के हामी भड़ी। लड़के ने उस लड़की की हाथ पैर धो कर अपने साथ अपने रूम में ले गया।
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उस रूम के अंदर सिर्फ चारपाई और साइकिल लगाने भर की जगह थी। थोड़ा सा जो जगह बचा था, वो लड़का वही पर खाना बनाता था। उस लड़के ने स्टोव जला कर खाना बनाना चालू लिया। उस लड़के ने मछली तला और दो पीस मछली उस लड़की को दे दिया और बोला लो बेटी मछली खाओ। वो चुप चाप मछली खाने लगी। लड़का मछली तल कर मछली का सब्जी बनाया और फिर भात बनाया। उस लड़के ने सोचा की आज ज्यादा खाना बनाता हूँ। वैसे भी बासी मछली और भात खाने में मजा आता हैं। इस लिए लड़के ने ज्यादा खाना बना दिया।
जब खाना बन गया तो अब खाना खाने की पारी थी। उस ने दो थाली में खाना निकाला एक थाली अपने लिए और दूसरी थाली उस लड़की के लिए। वो दोनों खाना खाने बैठ गए। लड़के ने अभी खाना खाना शुरू ही किया था की, लड़की तेजी से खाना खाने लगी और देखते ही देखते वो अपना खाना ख़त्म कर ली। लड़की ने जब अपना थाली का खाना ख़त्म कर लिया, तो लड़के ने उस छोटी सी लड़की से पूछा बेटी और खाना खाओगी। तो लड़की ने अपना सिर हिला कर जवाब दिया, मतलब हामी भरी। लड़के ने उसकी थाली में और भी मछली भात परोश दिया। वो लड़की फिर तेजी से मछली भात खाने लगी। इसी तरह वो लड़का अपना पूरा खाना ख़त्म भी नहीं कर पाया था, की उस लड़की ने पूरा का पूरा हंडी खा कर ख़त्म कर दी। जब पूरा खाना ख़त्म हो गया तो उस लड़के ने उस लड़की के हाथ धो कर घर के अंदर चले आये। उस रात लड़के ने भर पेट खाना भी नहीं खाया ,
आधा पेट खा कर ही रात गुजारनी पड़ी। उस ने सोचा होगा की शायद वो लड़की काफी भूखी होगी। लड़का बर्तन धो कर अपने रूम में वापस आ गया। रात भी काफी हो चुकी थी। उस ने अपना खाट नहीं बिछया नीचे ही बिस्तर लगा कर लड़की से बोला अब सो जाओ कल सुबह ही जगना पड़ेगा। और आप के माँ पिताजी को भी खोजना पड़ेगा। ये कह कर उस लड़के ने बत्ती बुझा दिया। बत्ती बुझा कर दोनों सो गए। रात में अचानक जब लड़के की आँख खुली तो वो उस लड़की को सामने नहीं पाया। उस लड़के ने टॉर्च जला कर अपने रूम में बच्ची को देखा पर वो रूम में भी नहीं थी।
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लड़का दरवाजा की तरफ बढ़ा उस ने देखा की दरवाजा खुला हुआ हैं। जब वो अपने रूम से बाहर की तरफ निकला तो देखा की बाहर वो लड़की पानी के टब के पास बैठी हुई हैं। लड़का उस लड़की के पास गया और बोला बेटी आप इतनी रात गए यहाँ क्यों बैठी हो। वापस चलो और रूम में जा कर सो जाओ। इतनी रात गए बाहर निकलना अच्छी बात नहीं हैं। उस लड़के की बाते सुन कर जब वो लड़की पीछे मुर कर खड़ी हुई तो उसका चेहरा काफी भयानक लग रहा था। और वो छोटी सी बच्ची एक भयानक औरत का रूप धारण कर चुकी थी। उसे देखते ही वो लड़का वही डर से कापने लगा। उसके हाथ से टॉर्च भी निचे गीर गया।
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वो औरत कर्कश आवाज में बोली। तुम ने मुझे बेटी बोला और मछली भात खिलाई इस लिए तुम्हे छोड़ दे रही हूँ। अगर तुम ने मुझे बेटी नहीं बोला होता और मछली भात नहीं खिलाई होती, तो मैं तुम्हे मार देती और अपने साथ ले कर चले जाती। जाओ तुम आदमी अच्छे हो इस लिए तुम्हे छोड़ दे रही हूँ। वो लड़का उसके सामने खड़ा हो कर कापता रहा और वो औरत धीरे-धीरे झाड़ियों की तरफ बढ़ते हुए जंगल के अंदर चले गई। उस औरत के चले जाने के बाद वो लड़का दौड़ता हुआ अपने रूम की तरफ भागा और दरवाजे को जोर से बंद कर के अपने बिस्तर पे जा कर बैठ गया। वो सारी रात डर से कापता रहा। जब सुबह की रौशनी दरवाजे के फाँक से अंदर की तरफ आने लगी तो वो लड़का उठा और अपना सामान पैक कर के हमेशा-हमेशा के लिए अपने गाँव वापस चला गया।