बात जब भूत, प्रेत, चुड़ैल, या फिर किसी शैतानी ताकत की हो तो। हर कोई उसे सुनना चाहता हैं। मगर अकेले में रूहानी ताकतों से सामना हो जाये तो। किसी का भी दम निकल सकता हैं। कोई कितना भी ताकतवर क्यों न हो, अदृश्य शक्तियों के सामने उसे झुकना ही पड़ता हैं।
कोई आत्मा बुरी होती हैं, तो कोई अच्छी। मरने के बाद ही पता चलता हैं की कौन इंसान किस योनि में जायेगा। ये कहानी एक लड़के की हैं। जो चुड़ैलों के बीच फाश जाता हैं, और धीरे-धीरे मरने लगता हैं। वो लड़का कुश्ती में बहुत माहीर था। दूर गाँव तक कुश्ती लड़ने जाया करता था। उसे अपने कुश्ती और शक्ति पर बहुत घमण्ड था। उसके घर में सिर्फ उसके पिता ही जीवित थे। माँ चल बसी थी। एक रात अचानक उसके पिता का तबियत बहुत ख़राब हो गया। वो घर में अकेला था। अपने पिता की हालत देख कर उस से रहा नहीं गया। लड़का सोचा की मुझे किसी तरह डॉक्टर बुलानी पड़ेगी। पर आधी रात का समय भी चूका था। वो करे तो क्या करे? डॉक्टर का घर उसके गाँव से बहुत दूर दूसरे गाँव में था।
रास्ते में एक जंगल पड़ता था। उसे जंगल पार कर के दूसरे गाँव जाना था। वो सोच में पर गया की अभी डॉक्टर को बुलाया जाये या नहीं। थोड़ी देर सोचने के बाद उसने अकेले ही जाने का फैसला किया। डॉक्टर के गांव जाने का सिर्फ एक जंगल वाला ही रास्ता था। वो अकेले ही अपने घर से निकल पड़ा। कुछ दूर पैदल चलने के बाद जब जंगल शुरू हुआ तो वो दौड़ने लगा। बीच जंगल में पंहुचा, तो देखता हैं की, एक औरत रास्ते के बीचो बीच खड़ी हैं। लड़का सोचा की इसके बगल से दौड़ कर पार कर जाऊंगा। जैसे ही रास्ते के किनारे से दौड़ कर पार होने लगा, की वो औरत पीछे से आवाज़ लगाई और बोली की “अये लड़का रुक जा”। तो लड़का रुक गया। फिर चुड़ैल बोली की इतनी रात को तु कहाँ जा रहा हैं। वो लड़का बोला की मेरे पिता-जी का तबियत बहुत ख़राब हैं। मैं डॉक्टर को बुलाने जा रहा हूँ।
चुड़ैल बोली की तू मेरा एक काम कर देगा, तो तुम्हारे पिता की तबियत ठीक हो जाएगी। वो लड़का जान चूका था, की रास्ते में खड़ी औरत कोई आम औरत नहीं हैं। ये जरूर कोई चुड़ैल होगी। वो लड़का बोला की नहीं मुझे डॉक्टर के पास जाना हैं। लड़का वहाँ से बहुत तेजी से भगा। पर जैसे ही कुछ दूर दौड़ा, तो उसने देखा की रास्ते में छः और चुड़ैल खड़ी हैं। लड़का बहुत डर गया और वहाँ से भागने का फैसला किया। जैसे ही वहाँ से भागना चाहा, छः चुड़ैल दौड़ कर उसे पकड़ ली। और बोली की तुम्हे मेरी बड़ी बहन रोकी थी। तो तुम क्यों नहीं रुके? सभी चुड़ैल उस लड़के को खीचना शुरू की और खीचते हुए जंगल के अंदर ले जाने लगी। वो रोने लगा और खुद को छोड़ देने के लिए, उन सभी से मिन्नतें करने लगा।
सभी चुड़ैल बोली की पहले मेरी बड़ी बहन के पास चलो। वो ही फैसला करगी की तुम्हारे साथ करना क्या हैं? वो लड़का चीखता रहा और चुड़ैल उसे खीचते हुए जंगल के अंदर ले गई। वो देखता हैं की, बड़ी वाली चुड़ैल पहले ही से उसका इन्तेजार कर रही थी। वो उसकी बड़ी बहन से मिन्नतें करने लगा, और बोला की मुझे मत मारो, मुझे छोड़ दो। तो उसकी बड़ी बहन बोली की मैं तुम्हे मार कर अपने में मिला लुंगी। लड़का खुद को न मारने का बहुत मिन्नत करने लगा। अंत में चुड़ैल बोली की ठीक हैं। मैं तुम्हे नहीं मरूँगी, पर तुम्हे मेरा एक काम करना पड़ेगा। इस पेड़ पर जो झूला लगा हुआ हैं हम सभी को पारी-पारी कर के झूला झुलाना पड़ेगा। वो लड़का राजी हो गया। चुड़ैल बोली की अगर ये बात किसी से बताये, तो हम सभी मिल कर तुम्हे मार डालेंगे। वो लड़का नहीं बताने का वादा करता हैं।
और सभी चुड़ैलो को झुला झूला कर वापस अपने घर चला आता हैं। जब घर पहुचता हैं, तो उसके पिता-जी उस से पूछते हैं, की बेटे तुम डॉक्टर के पास गए थे। तो वो लड़का बोलता हैं की रास्ते में जंगल होने के कारन मैं नहीं जा पाया। उसके पिता-जी बोलते हैं की, ठीक हैं कल सुबह जा कर डॉक्टर साहेब को बुला लाना। जब सुबह हुआ तो वो लड़का उसी जंगल के रास्ते से हो कर डॉक्टर साहेब के गांव की तरफ चल दिया। उसने देखा की वो रास्ता बिलकुल शांत हैं।
लोग उस जंगल में बकरी चारा रहे थे। कही-भी चुड़ैल का नामो निशान तक नहीं था। रास्ते पे लोगो का आना-जाना लगा हुआ था। गाय,भैस चर रहे थे। वो उस रास्ते से डरता हुआ गया, और डॉक्टर साहेब को बुला लाया। डॉक्टर साहेब उसके घर आ कर उसके पिता को चेक किये और कुछ दावा लिख दिए। वो मेडिकल स्टोर से दावा खरीद कर अपने पिता को दे देता हैं। पर जैसे-जैसे रात होने लगी, उसे डर लगने लगा।
वो सोचा की आज रात मुझे उन चुड़ैलों को झूला झुलाने जाना पड़ेगा। वो लड़का बहुत डर रहा था। की अगर ये राज की बात किसी को बताऊंगा तो चुड़ैल मुझे मार डालेगी। जब आधी रात हुई तो वो लड़का डरता-डरता जंगल की तरफ चल दिया। वो देखा की सातो चुड़ैल उसका इन्तेजार कर रही हैं। चुड़ैल बोली की अगर तुम नहीं आते तो हम सभी तुम्हे बुलाने के लिए तुम्हारे घर चले जाते। सातो चुड़ैल उसे पकड़ कर उस से मजाक करने लगी। और फिर जंगल के बीच उस पेड़ के पास ले गई। जहाँ पर झूला लगा हुआ था। चुड़ैल उस से मजाक करती और बीच बिच में हँसती।
वो लड़का सातों चुड़ैल को पारी-पारी झुला झूला कर वापस चला आता हैं। ऐसा ही शिलशिला चलने लगा। वो लड़का रोज रात उन चुड़ैलो को झूला झुलाने चला जाता और झुला झूला कर वापस अपने घर आ जाता।वो सभी चुड़ैल झूला झुलाने के बहाने उस लड़के का रोज थोड़ा-थोड़ा खून चूश लेती थी। एक रात उसने फैसला किया की अब से वो उन चुड़ैलों को झूला झुलाने नहीं जायेगा। वो डर भी रहा था। और किसी तरह खुद को अपने बस में कर के अपने बिस्तर पर सो गया। पर आधी रात के बाद उस लड़के के घर की खिड़की खाट-खटाने की आवाज़ आने लगी। तो लड़का समझ गया की चुड़ैल सभी उसे लेने के लिए आई हैं।
वो खिड़की नहीं खोलने का फैसला करता हैं। पर खिड़की के बाहर से आवाज़ आती हैं की “लड़के तुम खिड़की खोलते हो की हम सभी तुम्हारे घर के अंदर आये”। लड़का बहुत डर गया। चुड़ैल बोलती हैं की, अगर तुम खिड़की नहीं खोलोगे तो, हम घर के अंदर आ कर तुम्हे मार डालेंगे। लड़का डर से खिड़की खोल देता हैं। देखता है की सातों चुड़ैल खिड़की के बाहर खड़ी हैं। चुड़ैल बोलती हैं की चलो अब हमे झूला झुलाने चलो। वो लड़का फिर उस रात उन चुड़ैलों को झूला झुलाने चला जाता हैं। अब एक ऐसा शिलशिला शुरू हो गया। जो थमने का नाम ही नहीं ले रहा था। लड़का जब नहीं जाता, तो चुड़ैल उसे लेने चले आती। लगभग एक महीने का समय बीत गया। वो लड़का धीरे- धीरे बहुत कमजोर हो गया। जो लड़का पहले पहलवानी में तेज था।
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जिसका शरीर बहुत तगड़ा था। वो अब सुख चूका था। मनो उसे कोई बीमारी हो चुकी हो। वो लड़का बहुत दुबला पतला हो गया। उसकी हालत देख कर उसके दोस्त उस से पिछने लगे की, तुम्हे हुआ क्या हैं? तुम्हारा शरीर पूरा सुख चूका हैं। तो वो गोल मटोल जवाब दे कर बचने की कोशिश करता। उसकी हालत देख कर उसके पिता भी उस से पूछते है, की तुम्हे कोई अंधरुनि बीमारी हो गई हैं। डॉक्टर को दिखा कर अपना ईलाज करवा लो।
उस लड़के के पिता को भी बहुत चिंता सताने लगी। एक दिन उसके पिता, उसे बहुत दबाव दे कर पूछने लगे। तुम्हे कोई बीमारी हैं, तो तुम उसका इलाज़ क्यों नहीं कराते। अगर कोई और बात हैं तो मुझे बताओ। उस लड़के के पिता उसे बहुत डांटने लगे। तब जा कर वो सोचा की अगर बता दूँगा, तो मर जाऊंगा। और अगर नहीं बताऊंगा तो भी धीरे-धीरे मर ही जाऊंगा। उसने सभी बातों को अपने पिता से बताने का फैसला किया। उसके साथ शुरू से अब तक जो भी घटना चुड़ैलों के साथ घाटी, सभी घटना को अपने पिता से बता दिया। उसके पिता को जब पूरी हकीकत पता चला तो वो भी बहुत चिन्ता में पर गए।
अब सोचने लगे की मुझे किसी भी तरह से अपने बेटे को उस चुड़ैल से पीछा छोड़ना पड़ेगा। वो अपने बेटे से बोला की वो चुड़ैल जैसा बोल रही हैं। तुम वैसा ही करो। मैं कोई उपाए सोचता हूँ। अब उसके पिता को चिन्ता सताने लगी। उसके पिता भी हकीकत जानना चाहते थे। एक रात उन्हें पता भी चल गया। की सच में चुड़ैल मेरे बेटे को बुलाने आती हैं। उसके पिता चुड़ैलों से मुक्ति दिलाने का उपाय सोचने लगे। उन्हें पता चला की दूर गाँव में एक साधु बाबा रहते हैं। जो तंत्र-मंत्र करते हैं। बिना समय गवाये उसके पिता उस साधु बाबा के पास पहुच गए। उन्होंने अपने बेटे की सभी बातों को उस साधु बाबा से बता दिया। वो साधु बाबा बोले की ठीक हैं।
मुझे तुम्हारे घर जाना पड़ेगा। दिन रहते साधु बाबा उसके घर पहुच गए। उसने उस लड़के से मुलाकात की। और सारी हकीकत जानने की कोशिश की। वो भी सभी हकीकत जान कर हैरान हो गए। साधु बाबा अपने पोटली से कुछ निकाले और उसे अपने मुठी में बंद कर लिए। उन्होंने कुछ मन्त्रों का जाप कर के बंद मुठ्ठी में तीन बार फुके और उस लड़के को थामते हुए बोले, ये शिद्ध किया हुआ दाना हैं। इसे अपने पास रख ले। आज रात तुम उन चुड़ैलों के पास मत जाना, चुड़ैल खुद तुम्हारे पास आएगी। अच्छा मौका देख कर ये दाना उसके ऊपर फेक कर पलट जाना। साधु बाबा पिता और बेटे को आशीर्वाद देते हुए घर से बाहर निकले और कहा की तुम्हारा परेशानी हमेशा-हमेशा के लिए ख़त्म हो जायेगा। साधु बाबा अपने आश्रम चले गए। दिन ढल गया, और रात शुरू हो गई। जैसे-जैसे रात घनी होती गई। पिता और बेटे के दिल की धड़कन भी बढ़ती गई।
आधी रात हो चुकी थी। लड़का अपने बिस्तर पर बैठ कर उन चुड़ैलों के आने का इन्तेजार कर रहा था और बहुत डर भी रहा था। तभी खिड़की से खटखटाने की आवाज़ आने लगी। लड़का समझ गया की चुड़ैल सभी आ चुकी हैं। वो डरते हुए जाता हैं और खिड़की खोल देता हैं। खिड़की खुलते ही देखता हैं की, सातों चुड़ैल खिड़की के उस पार खड़ी हैं। बड़ी वाली चुड़ैल सब से आगे खड़ी थी। चुड़ैल बोली की हमे झूला झुलाने चलो नहीं तो हम सभी मील कर तुम्हे मार डालेंगे। लड़का बहुत डर गया। उसके एक हाथ में बाबा की दी हुई दाने थे। उस लड़के को बाबा की बातें याद आने लगी। उस ने तुरंत अपने हाथ के सभी दाने उन चुड़ैलों के ऊपर फेक दिया और पलट कर खड़ा हो गया। लड़का डर से कॉप रहा था। सोच रहा था, की ये चुड़ैल कही मुझे मार न दे। दाना पड़ते ही सभी चुड़ैल छटपटाने लगी। उस लड़के से खुद को बचाने की मिन्नतें करने लगी। पर उस लड़के को बार-बार साधु बाबा की कही हुई बातें याद आती रही।
सारी रात वो लड़का वही पर पलट कर खड़ा रहा। जब सुबह हुई तो उसके पिता दरवाज़ा खटखटाने लगे। जब उसे पूरा बिश्वाश हो गया की सुबह हो चुकी हैं। तो वो दरवाजा खोल देता हैं। उसने देखा की सुबह की रौशनी खिड़की से होते हुए कमरे के अंदर आ रही हैं। खिड़की के बाहर सिर्फ ख़ामोशी हैं। वहाँ कोई भी नहीं हैं। रात वाली सभी बातों को वो अपने पिता से बताता हैं। पिता को भी यकीन हो गया की अब से वो चुड़ैल नहीं आएगी। उस दिन के बाद कोई भी चुड़ैल, कभी भी वापस नहीं आई। पर उस लड़के के अंदर से डर ख़त्म नहीं हुआ। वो जब भी खिड़की को देखता हैं, तो डर जाता हैं।