हाथियों का उपहार

राजा कॄष्णदेव राय समय-समय पर् तेनाली राम को बहुमूल्य उपहार देते रहते थे। एक बार प्रसन्न होकर राजा ने तेनाली राम को पॉच हाथी उपहार में दिए। ऐसे उपहार को पाकर तेनाली राम बहुत परेशान हो गया। निर्धन होने के कारण तेनाली राम पॉच-पॉच हाथियों के खर्चों का भार नहीं उठा सकता था क्योंकि उन्हें … Read more

स्वप्न महल

एक रात राजा कृष्णदेव राय ने सपने में एक बहुत ही सुंदर महल देखा, जो अधर में लटक रहा था। उसके अंदर के कमरे रंग-बिरंगे पत्थर से बने थे। उसमें रोशनी के लिए दीपक या मशालों की जरूरत नहीं थी। बस जब मन में सोचा, अपने आप प्रकाश हो जाता था और जब चाहे अँधेरा। … Read more

सीमा की चौकसी

विजयनगर में पिछले कई दिनों से तोड़-फोड़ की घटनाएँ बढ़ती जा रही थीं। राजा कृष्णदेव राय इन घटनाओं से काफी चिंतित हो उठे। उन्होंने मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई और इन घटनाओं को रोकने का उपाय पूछा। ‘पड़ोसी दुश्मन देश के गुप्तचर ही यह काम कर रहे हैं। हमें उनसे नर्मी से नहीं, सख्ती से निबटना … Read more

संतुष्ट व्यक्ति के लिए उपहार

एक दिन तेनाली राम बडी प्रसन्न मुद्रा में दरबार में आया। उसने बहुत अच्छे कपडे और गहने पहन रखे थे। उसे देख् कर राजा कॄष्णदेव राय बोले, “तेनाली, आज तुम बहुत प्रसन्न दीखाई दे रहे हो। क्या बात है?” “महाराज कोई खास बात नहीं है।” तेनाली राम प्यार से बोला। “नहीं आज मुझे तुम कुछ … Read more

लोभ विनाश का कारण हैं

एक नगर में एक सन्यासी रहता था। वह नगर में भिक्षा माँगकर गुजारा करता था। भिक्षा में मिले अन्न में से जो बच जाता, उसे सोते समय अपने भिक्षा-पात्र में रखकर खूँटी पर टाँग देता था। सवेरे वह इस बचे हुए अन्न को मंदिर में सफाई करने वालों में बाँट देता था। एक दिन उस … Read more

राज्य में उत्सव

एक बार राजा कृष्णदेव राय ने अपने दरबार में कहा, “नया वर्ष आरम्भ होने वाला है। मैं चाहता हूं कि नए वर्ष पर जनता को कोई नई भेंट दी जाए, नया तोहफा दिया जाए। आप बताइए, वह भेंट क्या हो? वह तोहफा क्या हो?” महाराज की बात सुनकर सभी दरबारी सोच में पड़ गए। तभी … Read more

रंग-बिरंगे नाखून

सभी जानते हैं कि राजा कॄष्णदेव राय पशु-पक्षियों से बहुते प्यार करते थे। एक दिन एक बहेलिया राजदरबार में आया। उसके पास पिंजरे में एक सुन्दर व रंगीन विचित्र किस्म का पक्षी था। वह राजा से बोला, “महाराज, इस सुन्दर व विचित्र पक्षी को मैंने कल जंगल से पकडा हैं। यह बहुत मीठा गाता हैं … Read more

रंग-बिरंगी मिठाइयाँ

बसन्त् ॠतु छाई हुई थी। राजा कॄष्णदेव राय बहुत ही प्रसन्न थे। वे तेनाली राम के साथ बाग में टहल रहे थे। वे चाह रहे थे कि एक ऐसा उत्सव मनाया जाए जिसमें उनके राज्य के सारे लोग सम्मिलित हों। पूरा राज्य उत्सव के के आनन्द में डूब जाए। इस विषय में वह तेनाली राम … Read more

मौत की सजा

बीजापुर के सुल्तान इस्माइल आदिलशाह को डर था कि राजा कृष्णदेव राय अपने प्रदेश रायचूर और मदकल को वापस लेने के लिए हम पर हमला करेंगे। उसने सुन रखा था कि वैसे राजा ने अपनी वीरता से कोडीवडु, कोंडपल्ली, उदयगिरि, श्रीरंगपत्तिनम, उमत्तूर, और शिवसमुद्रम को जीत लिया था। सुलतान ने सोचा कि इन दो नगरों … Read more

मृत्युदण्ड की धमकी

थट्टाचारी कॄष्णदेव राय के दरबार में राजगुरु थे। वह तेनाली राम से बहुत ईर्ष्या करते थे। उन्हें जब भी मौका मिलता, तो वे तेनाली राम के विरुद्ध राजा के कान भरने से नहीं चूकते थे। एक बार क्रोध में आकर राजा ने तेनाली राम को मॄत्युदण्ड देने की घोषणा कर दी, परन्तु अपनी विलक्षण बुद्धि … Read more