Dhokebaaz Shayari – दोस्तों आज के समय में हर कोई किसी ना किसी को धोखा दे रहा है या धोखा खा रहा है आज के समय में किसी को किसी ना किसी करन धोकेबाज़ मिल ही जाते है या प्यार के रूप में या फिर दोस्त के रूप में कोई भी ऐसे नहीं है जो आपको धोखा नहीं ना दे रहा हो इसी से रिलेटेड हम आप के लिए लेकर आये है Dhokebaaz Shayari और Dhokebaaz Shayari images से आप उसे शेयर कर सकते है जिसने आपको धोखा दिया है ये शायरी आप अपने व्हाट्सएप्प और इंस्टा स्टोरी पर लगा सकते है

धोखेबाजों का चलन है साहब,
वफ़ा करने वालो की कहाँ कदर है।
जब भी दोस्तों की जरूरत को महसूस किया,
तब तब धोखा देकर उसने मुझे मायूस किया।
इश्क में इसलिए भी धोखा खानें लगें हैं लोग
दिल की जगह जिस्म को चाहनें लगे हैं लोग.

मौका पड़ने पर दोस्त भी अपना रंग दिखा देते हैं,
साथ देंगे या धोखा, इस बात का भी ढंग दिखा देते हैं।
कोई “शक्ल” नहीं होती धोखेबाजो की,
हमेशा चेहरे पर नकाब लेकर घूमते हैं यह लोग।
हर खेल में हम बाजी मार जाते हैं,
पर धोखेबाज से हम बाजी हार जाते हैं।

जो धोखा करना सीख जाते है जनाब,
हर सख़्श उन्हें धोखेबाज़ लगते है।
झूठी हमदर्दी झूठा प्यार यही सच्चाई है,
एक धोखेबाज इश्क करने वालों की।
बो आयने में खुद को कैसे बर्दाश्त करते होंगे,
उन्हें तो सख्त नफ़रत थी धोखेबाजों से।

न जाने कौन-सी साजिश में दिन गुजरा गया,
मैं दुश्मनों से बच गया, पर दोस्तों में मारा गया।
जिन्दगी की हर मोड़ पर धोखेबाज मिलें,
उनमें पराये कम,अपने ज्यादा मिलें।
दीवानगी का सितम तो देखो कि धोखा मिलने
के बाद भी चाहते है हम उनको .

देखें तो देखे कहां तक,
यहां तो हर शख्स धोखेबाज नजर आता है।
तुमसे प्यार तो ना मिला ये धोखा ही निशानी है,
बरसों गुजर गए पर अधूरी हमारी कहानी है !
धोखेबाज तो हज़ारों मिलेंगे ज़िन्दगी में,
इसका मतलब ये तो नही,
की हम भरोसा करना छोड़ दे।

दिलों जान से चाहा था उसे,
लेकिन उसने मेरी मजबूरी को धोखेबाजी का नाम दे दिया।
धोखा दिया था जब तूने मुझे जिंदगी से मैं नाराज था
सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था।
आज नींद ने न आने का वादा लिया हैं मुझ से,
तेरी तरह वो भी धोखे बाज निकली।

परछाई आपकी हमारे दिल में है यादे आपकी हमारी आँखों में है
कैसे भुलाये हम आपको प्यार आपका हमारी साँसों मे।
इंकार करते करते इक़रार कर बैठे,
हम तो एक बेवफा से प्यार कर बैठे।
वो मासूम चेहरा मेरे जेहन से निकलता ही नहीं,
दिल को कैसे समझाऊ कि धोखेबाज था वो !

मेरी यारी का अच्छा सिला दिया उसने,
मुसीबत में मेरी मुझको ही भुला दिया उसने
देखें तो देखे कहां तक
यहां तो हर शख्स धोखेबाज नजर आता है।
यकीन था कि तुम भूल जाओगे मुझे,
खुशी है कि तुम उम्मीद पे खरे उतरे !

पल भर में दोस्ती भी दुश्मनी में बदल जाती है,
जब अपनी किस्मत दोस्तों से ज्यादा चमक जाती है
धोखा भी बादाम की तरह है,
जितना खाओगे उतनी अक्ल आती है।
आंसू छुपा रहा हूँ तुमसे दर्द बताना नहीं आता
बैठे बैठे भीग जाती है पलकें दर्द छुपाना नहीं आता

जिन्दगी की हर मोड़ पर धोखेबाज मिलें,
उनमें पराये कम, अपने ज्यादा मिलें।
ये और बात कि चाहत के ज़ख़्म गहरे हैं
तुझे भुलाने की कोशिश तो वर्ना की है बहुत।
हर खेल में हम बाजी मार जाते हैं,
पर धोखेबाज से हम बाजी हार जाते हैं।