Jodha Akbar ki kahani |जोधा अकबर की पूरी कहानी - Hindi Rochak Kahaniya

Jodha Akbar ki kahani |जोधा अकबर की पूरी कहानी

Jodha Akbar ki kahani:-साल 2008 में निर्देशक आशुतोष गोवारेकर के द्वारा बनी फिल्म “जोधा अकबर” विवादों के घेरे में रही थी. राजपूत समाज का कहना था कि जोधा अकबर में दिखाई जाने वाली कहानी सत्य घटना पर आधारित नहीं है. वही दूसरी तरफ निदेशक आशुतोष गोवारेकर ने कहा कि- जोधा अकबर की कहानी सत्य घटना पर आधारित है और पूरी तरह से रिसर्च के बाद यह फिल्म बनाई गई है.

यह फिल्म 2008 की सफल फिल्मो में से एक थी. लेकिन इस फिल्म को लेकर कई सारे विवाद सामने आए थे. इस फिल्म के बाद जोधा अकबर नामक धारावाहिक का प्रसारण हुआ. जो उस समय का सबसे सफल धारावाहिक रहा था. इन्हीं विवादों के चलते जोधा अकबर की कहानी में लोगों की दिलचस्पी बनी हुई है. इसीलिए आज जोधा अकबर की पूरी कहानी से हम आपको रूबरू कराएंगे.

जोधा (Jodha) कौन थी?
नाम — हीरा कुँवारी उर्फ जोधा.
धर्म — हिन्दू (राजपूत).
पिता — राजा भारमल.
पति — जलाल उद्दीन मोहम्मद(अकबर).
संतान — जहाँगीर.
समाधी — मरियम ज़मानी की छतरी.

जोधा को इतिहास में हीरा कुँवारी/ जोधाबाई/ हरकाबाई के नाम से जाना जाता है. जोधा राजपूत राजा भारमल की पुत्री थी. जोधा बाई का अकबर से विवाह एक राजनीतिक समझौता था. जोधाबाई के बारे में इतिहास में स्पष्ट रूप में नहीं लिखा गया है. लेकिन जोधा के बारे में एक फिल्म जोधा अकबर और धारावाहिक में जोधा के बारे में स्पष्ट रूप से जिक्र मिलता है.

अकबर (Akbar) कौन था?
पूरा नाम — जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर.
जन्म — १५ अक्तूबर १५४२.
पिता — हुमायूँ.
माता — नवाब हमीदा बानो बेगम साहिबा.
राजघराना — तिमुर.
वंश — मुग़ल.

अकबर का पूरा नाम जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर था. वह बाबर के पुत्र थे. अकबर भारतीय इतिहास में मुगल शासन काल के सबसे सफल शासक रहे थे. इन्होंने कई अच्छे काम किए थे, जिनकी वजह से भारतीय इतिहास में इनको “अकबर महान” का दर्जा प्राप्त है. लेकिन बात अगर जोधा अकबर के बारे में की जाए, तो जोधा से विवाह अकबर की राजनीति का हिस्सा था.

इस कहानी को बाद में जोधा अकबर की प्रेम कहानी के रूप में प्रस्तुत किया गया. भारतीय इतिहास में अकबर के हिंदू प्रेम को साफ तौर पर देखा जा सकता है. अकबर ने हिंदुओं के हित में कई ऐसे कार्य किए, जो बाकी मुगल शासकों से अकबर को अलग बनाते हैं. आखिर! अकबर हिंदुओं के प्रति इतना संवेदनशील व जुड़ाव महसूस क्यों करता था? शायद! इस सवाल का जवाब “जोधा अकबर” की प्रेम कहानी के रूप में हम को मिलता है.

जोधा अकबर की प्रेम कहानी भारतीय इतिहास की एक अनोखी प्रेम कहानी है. जोधा अकबर के बारे में लोगों के अलग-अलग मत हैं तथा इतिहास में इस कहानी का पुख्ता प्रमाण देखने को नहीं मिलता है.

बात उस समय की है जब अकबर अपने साम्राज्य के विस्तार में लगा हुआ था. उस समय अकबर के सबसे बड़े दुश्मन राजपूत राजा हुआ करते थे. अकबर भी इस बात से भली भांति परिचित था कि राजपूत राजाओं से टक्कर लेना इतना आसान नहीं है. इसीलिए अकबर ने एक कूटनीति निकाली.

वह राजपूतों से युद्ध के बजाय उनसे पारिवारिक रिश्ते बनाना ज्यादा बेहतर समझता था. हालांकि अकबर के पास इतिहास के उस दौर की सबसे शक्तिशाली सेना थी. लेकिन अकबर युद्ध के दौरान खून खराबे और जान-माल से होने वाले नुकसान को ज्यादा पसंद नहीं करता था. इसीलिए उसने राजपूतों से पारिवारिक रिश्ते बनाना ज्यादा बेहतर समझा.

जब अकबर ने राजा भारमल के राज्य पर चढ़ाई की और उनके तीनो बेटों को बंदी बना लिया. तब राजा भारमल ने अकबर से संधि कर ली और अपनी पुत्री जोधा का विवाह अकबर के साथ कर दिया. देखा जाए तो जोधा का विवाह एक राजनीतिक समझौता था, जो कि अकबर के कहर से अपने राज्य को बचाने के लिए राजा भारमल ने किया था.

अकबर चाहता तो जोधा का धर्म परिवर्तन करवा सकता था. लेकिन अकबर ने ऐसा नहीं किया. इतिहासकारों का मानना है कि पूरे मुगल शासन काल में अकबर एक ऐसा शासक था. जहां पर उसके शासनकाल के दौरान सभी धर्मों के लोग खुशी खुशी रहते थे. शायद! इसीलिए अकबर दोनों धर्मों का चहेते मुगल शासक था.

इन्हीं कारणों की वजह से जोधा के मन में अकबर के प्रति आदर और प्रेम का भाव उत्पन्न हो गया और अकबर भी जोधा को सभी रानियों में श्रेष्ठ रानी की नजरों से देखता था. अकबर जोधा के साहस और बौद्धिक क्षमता का कायल था. वह अक्सर कोई बड़ा निर्णय लेने से पहले जोधा से सलाह मशवरा करता था. बाद में जोधा को “मल्लिका-ए-हिंद” का खिताब भी हासिल हुआ. इसीलिए जोधा अकबर की कहानी को प्रेम कहानी की नजरों से देखा जाने लगा.

जोधा ने दो पुत्रों को जन्म दिया. जिनमें से पहले पुत्र “हसन हुसैन” की मृत्यु जन्म के कुछ ही महीनों बाद हो गई. बाद में जोधा की दूसरी संतान “जहांगीर” ने मुगल साम्राज्य पर लंबे समय तक राज किया था.

जानकारों के अनुसार अकबर ने जोधा के लिए किला बनवाया था. बताया जाता है कि अकबर ने उस किले में जोधा के लिए राम मंदिर का निर्माण कराया था. इसी वजह से हमें अकबर के शासन काल में हुई नक्काशी में दोनों धर्मों की कला का समावेश देखने को मिलता है. लेकिन कई इतिहासकारों का मत है कि जोधा एक काल्पनिक पात्र था. जिसका प्रमाण किसी भी पुस्तक में पुख्ता रूप से नहीं मिलता है. जोधा के अस्तित्व के बारे में लोगों और इतिहासकारों के अलग-अलग मत हैं. Jodha Akbar ki kahani

Final Words:- आशा करता हू कि ये सभी कहांनिया Jodha Akbar ki kahani  आपको जरूर पसंद आई होगी । और ये सभी कहानियां और को बहुत ही प्रेरित भी की होगा । अगर आप ऐसे ही प्रेरित और रोचक कहानियां प्रतिदिन पाना चाहते हैं तो आप हमारे इस वेबसाइट को जरूर सब्सक्राइब करले जिससे कि आप रोजाना नई काहानियों को पढ़ सके धन्यवाद।

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