Love Story In Hindi | Romantic Story In Hindi | प्यार भरी काहांंनियाँ

Love Story In Hindi:- Love हिन्दी में बोले तो प्यार सभी करते हैं सभी करना चाहते भी हैं। और प्यार करना सभी को अच्छा लगता हैं । हम सभी के अंदर ये होता हैं कि हम अपने साथी के साथ कितना प्यार करे। और हम जानना भी चाहते हैं। तो इसी लिए आज हम आपके लिए बहुत ही प्यार भरी कहानिायां (Love Story In Hindi) लेकर के आ रहें हैं जो कि बहुत ही Romantic भी हैं। जिनको पढ़ने के बाद आप भी बहुत ही Romantic होने वाले है। अगर आप को Love Stories पसंद हैं तो आप इन love story kahani in hindi
को जरूर पढ़िए । और आप Love Story In Hindi को आप उनके साथ भी जरूर शेयर करिएगा जिनसे आप प्यार करते हैं। जरूर उनको भी पसंद आयेगी।

एक लड़के की विचित्र लव स्टोरी

एक अमीर लड़का था. उसे एक गरीब किसान की लड़की से प्यार हो गया. लड़की सुंदर होने के साथ-साथ काफी समझदार थी. एक दिन जब लड़के ने उस लड़की को बताया कि “वह उससे प्यार करता है, और उससे शादी करना चाहता है” तो लड़की ने कुछ सोचने के बाद उस लड़के को शादी करने से इनकार कर दिया. क्योंकि – वह गरीब परिवार से रिश्ता रखती थी.

लेकिन कुछ समय बाद जब ये बात उस लड़के को पता चली, तो उस ने लड़की के माता-पिता से बात की और उस लड़की को समझाया. काफी समझाने के बाद वह लड़की मान गयी और दोनों की शादी हो गयी.शादी के बाद, लड़का उसे बहुत प्यार करता था. दोनों का दांपत्य जीवन काफी अच्छा चल रहा था.

लेकिन कुछ महीनों बाद लड़की को चर्मरोग (skin diseases) हो गया. जिसके कारण उसकी खूबसूरती ढलने लगी. अब लड़की को यह डर भी सताने लगा, “कि उसकी खूबसूरती ढलने के कारण, कहीं उसका पति उसे छोड़ न दे.” लड़की उस चर्म रोग को ठीक करने का हर संभव प्रयास कर रही थी.

समय बीत रहा था और लड़की की खूबसूरती धीरे-धीरे ढल रही थी. एक दिन वह लड़का एक काम से दूसरे शहर गया. लड़का जब वहां से वापस आ रहा था. तो उसका रास्ते में एक कार के साथ एक्सीडेंट हो गया. उस दुर्घटना के दौरान लड़के की आंखें की रोशनी चली गई.

इस दुर्घटना के कुछ समय के बाद उनका जीवन फिर से सामान्य और सुखी बीतने लगा. वह लड़की चर्मरोग की वजह से दिन प्रतिदिन कमजोर और बदसूरत होती गई. लेकिन पति अंधा होने के कारण उनका दांपत्य जीवन ठीक चलता रहा. और दिखाई न देने के कारण, वह लड़का उस से पहले की तरह प्यार करता रहा.

कुछ सालो बाद बीमारी के कारण उस लड़की की मृत्यु हो गई. पत्नी की मृत्यु होने के बाद, वह लड़का अंदर से दुखी हो गया, और वह शहर छोड़कर जाने वाला था. तभी उसके पड़ोसी ने उसे सांत्वना देते हुए कहा– “अब आप तो अपनी पत्नी के बिना अकेले पड़ जाएंगे. वह आपका काफी ख्याल रखती थी. अब आपका जीवन अंधकार में कैसे व्यतीत होगा.”

तब उस लड़के ने अपने पड़ोसी की ओर देखा और गहरी सांस लेते हुए कहा– “मैं कभी अंधा था ही नहीं. लेकिन मैं यह सोचकर अंधे होने का नाटक करता रहा, कि कहीं मेरी पत्नी को उसकी बीमारी और बदसूरती के कारण यह ना लगे. कि मैं उससे प्यार नहीं करता. इसीलिए! मैं इतने सालों तक बिना कुछ कहे हुए अपनी पत्नी की खुशी के लिए अंधा बना रहा.” यह बात सुनकर पड़ोसी की आंखों से आंसू छलक आए और वह लड़का वहां से उठकर चला गया….!

शिक्षा– अगर आप जीवन भर खुश रहना चाहते हैं, तो आप लोगों की कमियों की तरफ ही नहीं उनकी खूबियों की तरफ भी गौर करिए. आपका जीवन आसान हो जाएगा.

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अंधा इश्क

एक लड़का था दीवाना सा. वह एक लड़की से बहुत प्यार करता था. लेकिन परेशानी यह थी कि वह लड़की अंधी थी. लेकिन फिर भी वह लड़का उस लड़की को दिलों जान से चाहता था. उस लड़की की हर जरूरत को ध्यान में रखता और उसके घरवालों की हर संभव मदद करने की कोशिश करता था. लड़की भी उसे धीरे-धीरे चाहने लगी थी.

लेकिन अंधी होने के कारण वह काफी उदास रहती थी. वह अक्सर उस लड़के से कहा करती थी– “तुम किसी और से शादी कर लो, नहीं तो दुनिया मुझे जीने ना देगी और ताने देगी कि लड़की ने लड़के को झूठे प्यार में फंसा लिया”. लड़की की यह बात सुनकर लड़का दुखी हो जाता. लेकिन लड़का उसे दिलो जान से चाहता था. वह जानता था, कि लड़की भी उसे प्यार करती है. लेकिन देख न पाने की वजह से वह किसी और से शादी करने के लिए बोलती है.

एक दिन लड़के ने उस लड़की की आंखों को ठीक कराने का दृढ़ निश्चय किया और एक बहुत बड़े हॉस्पिटल में ‘आंखों के डॉक्टर’ से उस लड़की की आंखों का चेकअप कराया. चेकअप के बाद डॉक्टर ने लड़के से कहा– “यह लड़की फिर से दुनिया को देख सकती है, बशर्ते इनको कोई अपनी आंखें दान कर दें”.

लड़के ने कुछ समय सोचने के बाद डॉक्टर से लड़की की आंखों का ऑपरेशन करने के लिए कहा. लड़की की आंखों का ऑपरेशन हो गया और सब कुछ सही रहा. कुछ समय बाद जब लड़की की आंखों से पट्टी हटाई गई तो लड़की ने सबसे पहले उस लड़के से मिलने की इच्छा जाहिर की. लेकिन जब लड़की उस लड़के से मिली, तो उसे पता चला कि वह लड़का भी अंधा है.

लड़की का दिल बैठ सा गया. उसने न जाने क्या-क्या अरमान सजा रखें थे, उस लड़के के प्रति जो उसे एक पल में ही टूटते हुए नजर आ रहे थे. लेकिन उस लड़की ने अपने सभी अपेक्षाओं पर पानी फिरता देख किसी और लड़की से शादी कर ली. जब यह खबर लड़के को पता चली तो उससे यह बर्दाश्त ना हुआ और वह बीमार रहने लगा. एक दिन उस लड़के की एक रोड एक्सीडेंट के दौरान मौत हो गई.

जब यह खबर लड़की को पता चली तो लड़की जोर जोर से रोने लगी. तभी उसे एक अदृश्य आवाज सुनाई दी–” तुम मेरे दिल को तो संभाल न सकी, कम से कम मेरी आंखों का तो ख्याल रखो और रोना बंद करो”. लड़की को यह आवाज कुछ जानी पहचानी लगी.

लड़की को समझते देर न लगी कि आवाज उसे क्यों सुनाई दे रही है. लड़की फूट-फूटकर और जोर से रोने लगी और अपने-आप को कोषने लगी. लेकिन अब क्या हो सकता था. बस यह कहानी एक अंधा इश्क बनकर रह गई.

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प्यार का सबक

एक बार की बात है. एक राह चलते फकीर से एक लड़के ने पूछा– “बाबा! मैंने कई जगह पढ़ा है और कई लोगों से सुना भी है, कि ‘सच्चा प्यार बहुतो को नसीब नहीं होता’. मैं यह जानना चाहता हूं कि- लोग इस बात को क्यों बोलते है? लेखक! क्यों इस बात को अपनी किताबों में शब्दों के माध्यम से गढते हैं? इस बात में कितनी सच्चाई है? अगर आप मुझे बता सकते हैं, तो कृपया मेरा मार्गदर्शन करें.

उस वृद्ध फकीर ने लड़के की बातों को गौर से सुनकर गहरी सांस लेते हुए कहा– “बेटा! एक काम करो तुम्हारे घर के पास जो फूलों का बगीचा है, उस बगीचे से मुझे वहां का सबसे सुंदर फूल लाकर दो. मैं तुम्हारे हर सवाल का संतोषजनक उत्तर दूंगा”.

लड़के ने फकीर की शर्त मान ली और बगीचे से फूल लेने के लिए चला गया. कुछ समय के बाद वह लड़का खाली हाथ लौट कर वापस आ गया. उसके हाथ में किसी भी प्रकार का कोई फूल नहीं था. जब फकीर ने लड़के से पूछा कि– “फूल कहां है”?

तो लड़के ने कहा– “बाबा! जब बगीचे में पहुंचा था, तो मुझे शुरुआती पेड़ों पर बहुत ही सुंदर फूल मिल गया था. लेकिन मैं उससे भी अच्छे फूल की तलाश में पूरे बगीचे में भटकता रहा. जब मुझे कहीं भी उससे अच्छा फूल नहीं मिला, तब मैं उसी फूल को लेने के लिए वापस आया. लेकिन तब तक उस फूल को कोई और ले जा चुका था और मुझे खाली हाथ लौट कर वापस आना पड़ा”.

लड़के की पूरी बात सुनने के बाद, फकीर ने मुस्कुराते हुए कहा– “बेटा! ठीक ऐसा ही हमारी जिंदगी में भी होता है. कई लोग हर समय खुद के पास जो है उससे बेहतर खोजने में अपना समय व्यर्थ करते रहते हैं. लेकिन उनको यह पता नहीं होता कि जिस बेहतर प्यार या रिलेशनशिप को वह बाहर खोज रहे हैं, वह उनके पास पहले से है. जब तक उनको इस चीज का एहसास होता है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है और बेहतर खोजने के चक्कर में वो हर तरफ से वंचित रह जाते हैं”.

किसी ने सच ही कहा है कि– “सच्चा प्यार बहुतो को नसीब नहीं होता”. इसीलिए अपने पुराने संबंधों की कद्र करना सीखिए. यह बात सुनकर लड़के की आंखों में एक अलग सी चमक आ गई. शायद उसे दुनिया का सबसे अनमोल सबक मिल चुका था. शायद उसे रिश्तो को निभाना गया था. वह लड़का मुस्कुराते हुए अपने घर वापस चला गया और फकीर ने भी अपना रास्ता लिया.

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ढोला-मारू की राजस्थानी प्रेम कहानी

ढोला मारू की कहानी उत्तर भारत की लोक कथाएं और लोकगीतों के अनुसार नरवर से जुड़ी हुई है. बताया जाता है कि नरवर के राजा नल के पुत्र साल्हकुमार का विवाह बचपन में महज 3 साल की उम्र में पूंगल क्षेत्र (बीकानेर) के पवार राजा पिंगल की पुत्री से हो गया था.

पुरानी लोक कथाओं में बताया जाता है, कि बाल विवाह होने पर लड़की की विदाई लड़के और लड़की के जवान हो जाने पर की जाती थी. जिसे “गौना” कहा जाता है. जब तक लड़की-लड़का दोनों जवान नहीं होते तब तक लड़की पिता के घर रहती है और गौना हो जाने के बाद लड़की पति के घर चली जाती है.

इन्हीं रस्मोरिवाज के चलते राजा नल के पुत्र साल्हकुमार का बाल विवाह होने के कारण गौना नहीं हुआ और राजा पिंगल की पुत्री गौना होने तक पिता के घर पर बड़ी होने लगी. लेकिन जैसे-जैसे साल्हकुमार बढ़े हुए धीरे-धीरे बाल विवाह और पहली रानी को भूल गए. इसी दौरान साल कुमार ने दूसरी शादी कर ली और नरवर में सुखमय जीवन व्यतीत करने लगे.

दूसरी तरफ राजा पिंगल की पुत्री वयस्क और अत्यंत खूबसूरत दिखने लगी. राजा पिंगल ने नरवर में कई संदेशवाहक गौने की सूचना पहुंचाने के लिए भेजे. लेकिन साल कुमार की दूसरी रानी उन्हें बड़ी चतुराई से साल्हकुमार तक संदेश पहुंचाने से पहले मरवा देती थी. क्योंकि उसे डर था कि साल्हकुमार अपनी पहली रानी की सुंदरता पर मोहित होकर उसे छोड़ कर कहीं पहली रानी के पास में चला ना जाए.

इसी तरह काफी समय बीत गया और पिंगल कि बेटी और भी जवान और खूबसूरत होती गई. पिंगल की पुत्री को इंतजार और विश्वास था कि साल्हकुमार उससे से गौना करने जरूर आएगा. लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद राजकुमारी साल्हकुमार के वियोग में तड़पने लगी. पुत्री की यह हालत देख राजा पिंगली ने साल्हकुमार तक संदेश पहुंचाने की कई प्रयत्न किए लेकिन हर बार रानी संदेशवाहकों को मरवा डालती.

राजा पिंगल को कुछ गलत होने का आभास हो गया. तब उन्होंने एक चतुर ढोली को नरवर भेजने का फैसला किया जो गाकर साल्हकुमार तक बड़ी चतुराई से संदेश पहुंचा सके. संदेश को गुप्त तरीके से पहुंचाने के लिए पिंगल की पुत्री ने ढोली को मारु रांग में कुछ दोहे बना कर दिए. जिसके माध्यम से वह गाकर साल्हकुमार को पुरानी यादें याद दिला सके और साल्हकुमार को बता सके कि किस प्रकार पहली रानी उनकी याद में तड़प रही है.

ढोली ने नरवर को रवाना होती समय राजकुमारी को वचन दिया कि वह साल्हकुमार तक संदेश पहुंचा कर ही वापस आएगी. ढोली मध्य प्रदेश के नरवर राज्य में जा पहुंची. बरसात का समय था साल्हकुमार रात्रि के समय अपने किले की छत पर बरसात का आनंद ले रहे थे. तभी ढोली ने सही मौका देखकर मारु राग गाना शुरू किया. मधुर संगीत होने के कारण साल्हकुमार उसे बड़े ध्यान से सुनने लगे.

इसी गायन में ढोली ने राजकुमारी का जिक्र किया और ढोली ने गाते हुए बताया कि कैसे पिंगल पुत्री उनके वियोग में तड़प रही है. जब यह दोहे साल्हकुमार ने सुने तो उन्होंने सुबह होते ही उस ढोली को बुलवाया. तब डोली ने राजकुमारी की सुंदरता और उन्हें राजकुमारी किस प्रकार वह याद करती है इस विषय में सब कुछ बताया. ढोली की बातें सुनने के पश्चात साल्हकुमार को पहली रानी से मिलना चाहत हुई.

इसीलिए वह तैयार होकर पुंगल राज्य के लिए रवाना होना चाहते थे. लेकिन उनकी दूसरी रानी ने उन्हें कुछ समय बाद जाने के लिए कहकर रोक लिया. कुछ दिनों बाद एक दिन पहली रानी साल्हकुमार के सपनों में आई. तब साल्हकुमार से रहा न गया और वह पुंगल की राजकुमारी से मिलने पुंगल राज्य में जा पहुंचे. जब राजकुमारी ने अपने प्रियतम साल्हकुमार को देखा तो वह खुशी से झूम उठी और दोनों पुंगल के महलों में एक दूसरे के प्यार में खो गए.

कुछ दिनों पुंगल में रहने के बाद साल्हकुमार ने अपनी पहली रानी के साथ नरवर के लिए प्रस्थान किया. पुरानी कहानियों में बताया जाता है कि जब साल्हकुमार और पहली रानी रेगिस्तान के रास्ते से होते हुए नरवर वापस आ रहे थे, तब उन्हें उमरा-सुमरा नामक रेगिस्तान का मशहूर ठग मिला. जो रानी को बंधक बनाना चाहता था. लेकिन रानी भी राजस्थान की बेटी थी! वह इन सब घटनाओं से भली भांति परिचित थी.

जब रानी को उमरा-सुमरा पर संदेह हुआ तो उन्होंने साल्हकुमार को आगाह किया. साल्हकुमार को खतरा महसूस होने पर रानी और साल्हकुमार ऊंट पर बैठकर वहां से भाग निकले. उमरा-सुमरा ने उनका पीछा करने का काफी प्रयत्न किया. लेकिन वह उनके हाथ न लगे. उमरा-सुमरा नामक ठग वहीं पर हाथ मलते रह गया.

जब साल्हकुमार और रानी नरवर पहुंचे तो दोनों का भव्य स्वागत किया गया और दोनों खुशी-खुशी नरवर में रहने लगे. इस प्रेम कहानी को राजस्थान और उत्तर भारत में काफी प्रसिद्ध प्रेम कहानियों में से एक माना जाता है. इस ढोला मारू की प्रेम कहानी का जिक्र आपको राजस्थान के लोकगीतों में साफ-साफ देखने को मिल जाएगा. Love Story In Hindi

Heer Ranjha Story
हीर रांझा के प्यार की अद्भुत कहानी

यह कहानी है उस समय की जब भारत और पाकिस्तान एक देश हुआ करता था और तब ये दोनों देश विभाजित नहीं हुए थे. तब चिनाब नदी के किनारे तख्त हजारा नामक गांव में रांझा जनजाति के जाट परिवार में एक लड़के का जन्म हुआ.

इस लड़के का नाम Ranjha रखा गया. रांझा इस परिवार का सबसे छोटा बेटा था. रांझा से बड़े तीन भाई थे, जो खेती का काम किया करते थे. और रांझा मां बाप का सबसे दुलारा बेटा होने के कारण आराम से मस्त रहकर बांसुरी बजाता था. लेकिन रांझा की किस्मत में यह आराम न होकर विधाता ने कुछ और ही लिख रखा था.

रांझा की भाभीयों के द्वारा गृह क्लेश करने के कारण रांझा अपना घर छोड़ दिया और इधर उधर भटकने लगा. रांझा भटकते भटकते हुए हीर के गांव “झंग” पंजाब (अब पाकिस्तान में है) मैं जा पहुंचा. उसने वहां पहली बार हीर को देखा. और पहली नजर में ही रांझा को हीर से प्यार हो गया.

हीर सियाल जनजाति में पैदा हुई एक अमीर परिवार की लड़की थी. और जब हीर ने जवान नवयुवक रांझा को देखा तो हीर भी उसे अपना दिल दे बैठी. हीर नहीं चाहती थी कि रांझा उसे छोड़कर कहीं और जाए इसीलिए हीर ने रांझे को अपने पिता से कहकर गाय भैंस चराने के काम पर लगवा दिया. और साथ ही साथ हीर और रांझा छुप छुप कर मुलाकात करने लगे.

लेकिन वह कहते है ना कि ये इश्क नहीं आसान बस इतना समझ लीजिए कि आग का दरिया है और डूब कर जाना है.
हीर और रांझा की पनपती हुई मोहब्बत को ग्रहण तब लग गया. जब हीर के चाचा कैदो ने दोनों को मिलते हुए देख लिया. और तब हीर के चाचा ने सारी बात हीर के माता (मलिकी) और पिता (चुचक) को बताई. यह खबर सुनने के बाद Heer के माता-पिता ने हीर का विवाह सेदाखेड़ा नामक युवक से हीर की मर्जी के खिलाफ कर दिया.

रांझा हीर की शादी होते हुए देख दुखी होकर कनफटे समुदाय के फकीर से गुरु दक्षिणा लेकर फकीर बन गया. और गांव गांव और गली कूचे मैं गीत गाते हुए भटकने लगा. एक दिन अचानक वह हीर के ससुराल में जा पहुंचा. और वहां पर उसकी मुलाकात हीर से हुई.

उन दोनों ने वहां से भाग जाने की योजना बनाई. इस योजना में हीर और रांझा काफी हद तक कामयाब भी हो गए. लेकिन स्थानीय राजा के द्वारा पकड़े जाने पर दोनों को कड़ा इम्तिहान देना पड़ा. इस इम्तिहान के बाद राजा को एहसास हुआ कि हीर रांझा दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते है.

इसके बाद राजा ने हीर का विवाह रांझा के साथ करने का आदेश दिया. लेकिन हीर की खुशी हीर के चाचा से बर्दाश्त नहीं हुई. अंत वही हुआ जिसका डर था. शादी के दौरान हीर का चाचा हीर के खाने में जहर मिलाकर, वो खाना हीर को खिला देता है. और ज़हर वाला खाना खाने के कारण हीर की मौत हो गई.

जब ये बात रांझा को पता चली कि हीर इस दुनिया में नहीं है. तो उसने भी उस जहर वाले खाने को खा कर खुदकुशी कर ली. और इस कहानी का अंत भी बाकी प्रसिद्ध प्रेम कहानियों की तरह बेहद दुखद होता है.

आज भी हीर रांझा की मजार झंग पाकिस्तान में मौजूद है. और वहां आज भी लाखों प्रेमी प्रेमिका अपने मन में सुखी जीवन की कामना लिए वहां जाते हैं. Love Story In Hindi

Love Story In Hindi “तुम थे” एक हिंदी लव स्टोरी

उन दिनों महज 16-17 साल की थी मैं,
और रातों को जागने की आदत मेरी नई-नई थी.
तुम्हें तभी तो नोटिस करना शुरू किया था मैंने,
और तुम्हारे साथ होने पर मुझे जो मिलती थी वो राहत नई-नई थी.

पता ही नहीं चला कि यह मुलाकात कब आदत बन गई और आदत कब जरूरत और जरूरत कब चाहत में बदल गई. शायद!!! लड़कपन की वह मेरी पहली मोहब्बत नई-नई थी. उस समय इस जुनून, उस फितूर और इस सुकून का एहसास पहले कभी हुआ ही नहीं था. क्योंकि तुम थे मेरे पास ऐसे जैसे कोई नहीं था.

याद है मुझे कि :
जब मैं थक हार कर घर आया करती थी,
और तेरा चेहरा देखकर फिर से खिल जाया करती थी. गेहूं सा तेरा वो रंग न जाने कैसा जादू करता है,
यार! I have no idea
मैं बस तेरी खुशबू से बहक जाया करती थी.
उस वक्त, उस पल, उस लम्हा तुम थे, मैं थी
हमारे दरमियां और कोई नहीं था,
तुम थे मेरे पास ऐसे जैसे कोई और नहीं था.

Remember,
उन दिनों सर्दियों की रातों में
सब घर वालों को सुलाकर
छत पर आ जाया करती थी.
कभी तुझे और कभी उस चांद को,
ताकती चली जाती थी.
तुम और चांद बड़े ध्यान से सुनते थे मुझे
जब मैं अपनी नोबेल के शब्द दर शब्द
पढ़ती चली जाती थी.

तुम्हारा temperature हमेशा
मेरे बॉडी temperature से ज्यादा रहता था,
शरारती सी मैं तुम्हें अपने दोनों हाथों से
पकड़ कर बैठ जाया करती थी.
और धीरे-धीरे बिखरती सी चांदनी रात में
जब मेरे लबों को तुम्हारा स्पर्श होता था,
तो मेरी सांसो में मानो
तुम्हारी गर्माहट की मिश्री घुल जाया करती थी.

उस तरह तो मेरे वजूद में और कोई समया ही नहीं था,
क्योंकि तुम थे मेरे पास ऐसे,
जैसे और कोई नहीं था.
जानती हूं मैं!!
आजकल यह दूरियां जरा सी बढ़ने लगी है
और मुझे जूस कॉर्नर पर किसी और के साथ देखकर
तुम्हारी थोड़ी सी तो जलने लगी है.
पर यार तुम तो वाकिफ ही नहीं,
मेरी मोहब्बत की हद से,
यह कॉफी, बीयर और नींबू पानी सब एक टाइम पास हैं,
क्योंकि my dear मेरी जिंदगी बस तुम से ही तो चलने लगी है.

जाने बहार गुले गुलजार ऐसे नाराज ना हो यार
क्योंकि जितना नशा तुझ में है
सिगरेट और शराब में भी नहीं
जैसे तू है मेरे पास ऐसे और कोई नहीं है. Love Story In Hindi

Love Story In Hindi “इश्क पर भरोसा न था”

मैंने बहुतों को प्यार करते देखा है
रात रात भर पागल होते देखा है
मुझे इश्क पर भरोसा न था
पर अचानक तुझे देख
मेरा दिल जोर जोर से धड़कने लगा
जोर-जोर से कहने लगा
यही है वो जिसके सामने में पिघलने लगी.

मुझे इश्क पर भरोसा ना था
पर अचानक तुझे देख
मेरा दिल धड़कने लगा जोर जोर से कहने लगा
कि यही है वो जिसके सामने मैं पागलने लगी थी.

उसकी हर अदा पसंद थी मुझे
उसका गुस्सा भी रास आता था मुझे
उसकी गलतियों से भी प्यार था मुझे
उसकी एक उदासी न भाती थी मुझे.

वह बड़े-बड़े शहरों के सपने देखता था
मैं शांत रहकर घंटों उसे देखती थी
उसकी मेरी दोस्ती एक दम किताब की तरह थी
ना उसने मुझे कभी मना किया ना मैंने कभी पढ़ ना छोड़ा.

एक अजीब सा सुकून था उसकी बांहों में
वह मेरी तरह ना था,
फिर भी मैं उसकी तरह रहना चाहती थी
एक दिन अचानक वह दूर चला गया
और और पीछे ढेर सारे सवाल छोड़ गया.

मैंने लाख समझाया वह समझे ना
मैंने लाख मनाया वह माने ना
मैंने कहा – वापस आजा वो आया ना
मैंने कहा – तू रोएगा वो रोया ना.

उसके जाने के बाद मेरे मन में उसके लिए बहुत सारे सवाल है, और अगर भविष्य में उससे कभी मुलाकात हुई तो उससे पूछूंगी :

क्या आज भी जब तू आईना देखता है
तो क्या तुझे मेरा चेहरा याद आता है.

क्या आज भी जब तू खाना खाता है
तो क्या कोई अपना पहला निवाला तुझे खिलाता है.

क्या आज भी,
तेरी शर्ट का पहला बटन जो मैं बंद किया करती थी
क्या वह बटन मेरे बंद करने के इंतजार में है.

और सबसे important बात,
क्या आज भी कोई!
तेरी दस्तक देने से पहले दरवाजा खोलता है
बताना! क्या वह अपनी आंखों में काजल की तरह तुझे सजाती है.
क्या हर सांस में वो भी इश्क करती है
क्या आज भी,
किसी और की आंखों में तू मुझे तलाशता है.

अच्छा हुआ तू चला गया
तेरा जाना क्या हुआ मैंने जीना सीख लिया
इस दुनिया में ठहरना सीख लिया
अपनों में अपनों को तलाशना सीख लिया. Love Story In Hindi

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Final Words:- आशा करता हू कि ये सभी कहांनिया love story in Hindi आपको जरूर पसंद आई होगी । और ये सभी कहानियां और को बहुत ही प्रेरित भी की होगा । अगर आप ऐसे ही प्रेरित और रोचक कहानियां प्रतिदिन पाना चाहते हैं तो आप हमारे इस वेबसाइट को जरूर सब्सक्राइब करले जिससे कि आप रोजाना नई काहानियों को पढ़ सके धन्यवाद।

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