Pariyon ki Kahaniyan:- Pariyon ki Kahani हम सबको परियों के बारें में जानने उनको समझने बहुत ही Interest होता हैं। और परियों के बारें में जानना बहुत ही रोमांचक भी होता हैं। तो दोस्तो आज हम आपके लिए ऐसे ही चुने हुए परियों कि काहानियां( Pariyon ki Kahani ) लेकर के आये हैं जो कि आपको बहुत ही रोमांचित करने वाली हैं। हम आपको 5 बहुत ही अच्छी अच्छी Pariyon ki Kahani देगें जिनको आप पढ़ने के बाद बहुत ही रोमांचित होने वाले हैं। तो आप इन Pariyon ki Story को जरूर पढ़िए।

गुलाबी परी की कहानी
ख़ुशी को रात को सोने से पहले कहानी सुनने का बहुत शौक है। वह कक्षा चार में पढ़ती है।
वह अपनी माँ से कहती है- “माँ” आज रात मुझे कहानी सुनाओगी न!”
माँ कहती है- “हाँ बेटा! अभी कुछ देर रुको। मैं रसोई का काम ख़त्म करके जल्दी ही आती हूँ।”
अब ख़ुशी ने- जल्दी से नाईट सूट पहना और अपने पलंग पर आकर लेट गई।
थोड़ी देर में माँ का काम ख़त्म हुआ तो वो भी उसके पास आ कर लेट गईं|
माँ बोलीं- “हाँ! अब बताओ कौन सी कहानी सुनाऊँ आज?”
ख़ुशी बोली-“माँ, आज वो परियों वाली कहानी सुनाओ न,” ख़ुशी को परियों की कहानी सुनना बहुत पसंद है। वह हर तीसरे दिन कोई न कोई परियों वाली ही कहानी सुनना चाहती है।
माँ बोलीं-“अच्छा चलो, आज मैं तुम्हें गुलाबी परी की कहानी सुनाती हूँ,” माँ ने कहानी शुरू की –
“बहुत समय पहले की बात है, परीलोक में बहुत सारी परियाँ रहती थीं। उनमें से गुलाबी परी सबसे प्यारी थी। वह रानी परी की सबसे चहेती परी भी थी। गुलाबी परी यदि कोई इच्छा करती तो वह उसे ज़रूर पूरा करती।
एक दिन खेलते–खेलते गुलाबी परी के मन में आया कि क्यों न पृथ्वीलोक पर सैर के लिए जाया जाए। उसने पृथ्वीलोक और वहां के लोगों के बारे में बहुत सुना हुआ था। वे लोग कैसे रहते हैं, वह जानना चाहती थी। उसने अपनी यह इच्छा रानी परी के सामने रखी। पहले तो रानी परी ने ना-नुकुर किया फिर मान गई। आखिर वह गुलाबी परी की इच्छा को कैसे टाल सकती थी।
रानी परी ने कहा, “पर मेरी एक शर्त है। पृथ्वीलोक पर तुम सिर्फ रात में ही जा सकती हो। और सूरज की पहली किरण निकलने से पहले ही तुम्हें वापस आना होगा। सूरज की किरणें तुम्हारे ऊपर नहीं पड़नी चाहिए। नहीं तो तुम्हारे पंख पिघल जाएंगे और तुम वापस नहीं आ पाओगी। तुम्हें हमेशा के लिए मनुष्यों के साथ रहना पड़ेगा।”
गुलाबी परी ने जल्दी से कहा- “ठीक है!”वह तो पृथ्वीलोक पर जाने के नाम से ही उत्साहित थी।
रानी परी ने कहा- “लेकिन तुम अकेले नहीं जाओगी। तुम्हारे साथ तुम्हारी तीन और परी बहनें भी तुम्हारी सुरक्षा के लिए जाएंगी। सब्ज़ परी, नील परी और लाल परी,”।
गुलाबी परी और भी खुश हो गई। “ये सब तो मेरी सहेलियाँ हैं! अब तो और भी मज़ा आएगा। हम सब वहाँ जा कर मज़े करेंगे, किसी बाग़ में खेलेंगे और नृत्य करेंगे।” बाक़ी परियाँ भी बहुत खुश हो गईं, आखिर उनको भी पृथ्वीलोक पर जाने का मौका मिल रहा था। वे सब रात का बेसब्री से इंतज़ार करने लगीं।
जैसे ही पृथ्वीलोक पर अँधेरा छाया, चारों परियाँ तैयार हो गईं। रानी परी ने एक बार फिर से अपनी चेतावनी दोहराई, “याद रहे, सूरज की पहली किरण निकलने से पहले ही परीलोक वापस आना होगा।” फिर रानी माँ ने सभी परियों को आँखें बंद करने को कहा।
थोड़ी देर बाद जब चारों परियों ने आँखें खोलीं तो वे सब एक हरे भरे बाग़ में थीं। चारों तरफ सुन्दर-सुन्दर फूल खिले हुए थे। तितलियाँ फूलों पर मंडरा रहीं थीं। हवा में ठंडक थी। उन परियों को ये हरियाली इतनी अच्छी लगी कि उन्होंने नाचना शुरू कर दिया। धीमा-धीमा संगीत न जाने कहाँ से आ रहा था।”
कहानी खत्म हुई और ख़ुशी को अपनी माँ कि गोद में ही कहानी सुनते – सुनते नीद आ गई|
Cinderella ki kahani ( सिंड्रेला )
Pariyon ki Kahaniyan नन्ही परी और छोटी रानी
विक्रमगढ़ नामक एक राज्य था जिसमे एक राजा राज्य करता था। विक्रमगढ़ के राजा की दो रानियाँ थीं। बड़ी रानी कम सुन्दर थी और छोटी रानी अत्यधिक सुन्दर थी जिसके के कारण राजा छोटी रानी को अधिक प्रेम करते थे। एक दिन छोटी रानी के कहने पर राजा बड़ी रानी पर बहुत नाराज़ हुआ। तो बड़ी रानी रोती हुई महल से जंगल की और चली गयी।
एक नदी के किनारे, अनार के पेड़ के नीचे बैठ कर वो ज़ोर ज़ोर से रो रही थी कि तभी एक नन्ही सी परी प्रकट हुई।
नन्ही सी परी ने रानी से उसके रोने का कारण पूछा- बड़ी रानी ने सब कुछ सच सच बता दिया।
तब नन्ही सी परी बोली- ” ठीक है, मैं जैसा कहती हूँ, वैसा ही करो, न ज़्यादा न कम। पहले इस नदी में तीन डुबकी लगाओ और फिर इस अनार के पेड़ से एक अनार तोड़ो।” और ऐसा कह कर परी गायब हो गयी।
बड़ी रानी ने वैसा ही किया जैसा कि परी ने कहा था। जब रानी ने पहली डुबकी लगाई तो उसके शरीर का रंग और साफ़ हो गया, सौंदर्य और निखर गया। दूसरी डुबकी लगाने पर उसके शरीर में सुंदर कपड़े और ज़ेवर आ गये। तीसरी डुबकी लगाने पर रानी के सुंदर लंबे काले घने बाल आ गये। इस तरह रानी बहुत सुंदर लगने लगी।
नदी से बाहर निकल कर रानी ने परी के कहे अनुसार अनार के पेड़ से एक अनार तोड़ा। उस अनार के सारे बीज सैनिक बन कर फूट आये और रानी के लिये एक तैयार पालकी में उसे बिठा कर राज्य में वापस ले गये।
राजमहल के बाहर शोर सुन कर राजा ने अपने मंत्री से पता करने को कहा कि क्या बात है। मंत्री ने आकर ख़बर दी कि बड़ी रानी का जुलूस निकला है।
राजा ने तब बड़ी रानी को महल में बुला कर सारी कहानी सुनी और पछताते हुये इस बार छोटी रानी को राज्य से बाहर निकल जाने का आदेश दिया।
छोटी रानी ने:- पहले ही परी की सारी कहानी सुन ली थी। वो भी राज्य से बाहर जा कर अनार के पेड़ के नीचे, नदी किनारे जा कर रोने लगी। पिछली बार जैसे ही इस बार भी परी प्रकट हुई। परी ने छोटी रानी से भी उसके रोने का कारण पूछा। छोटी रानी ने झूठ मूठ बड़ी रानी के ऊपर दोष लगाया और कहा कि उसे बड़ी रानी महल से बाहर निकाल दिया है।
तब नन्ही परी बोली- ” ठीक है, मैं जैसा कहती हूँ, वैसा ही करो, न ज़्यादा न कम। पहले इस नदी में तीन डुबकी लगाओ और फिर इस अनार के पेड़ से एक अनार तोड़ो।” और ऐसा कह कर परी गायब हो गयी।
छोटी रानी ने ख़ुश हो कर नदी में डुबकी लगाई। जब रानी ने पहली डुबकी लगाई तो उसके शरीर का रंग और साफ़ हो गया, सौंदर्य और निखर आया। दूसरी डुबकी लगाने पर उसके शरीर पर सुंदर कपड़े और ज़ेवर आ गये। तीसरी डुबकी लगाने पर रानी के सुंदर लंबे काले घने बाल आ गये। इस तरह रानी बहुत सुंदर लगने लगी। जब छोटी रानी ने ये देखा तो उसे लगा कि अगर वो तीन डुबकी लगाने पर इतनी सुंदर बन सकती है, तो और डुबकिय़ाँ लगाने पर जाने कितनी सुंदर लगेगी।
इसलिये, उसने एक के बाद एक कई डुबकियाँ लगा लीं। मगर उसका ऐसा करने से रानी के शरीर के सारे कपड़े फटे पुराने हो गये, ज़ेवर गायब हो गये, सर से बाल चले गये और सारे शरीर पर दाग़ और मस्से दिखने लगी।
छोटी रानी ऐसा देख कर दहाड़े मार मार कर रोने लगी। फिर वो नदी से बाहर आई और अनार के पेड़ से एक अनार तोड़ा। उस अनार में से एक बड़ा सा साँप निकला और रानी को खा गया।
शिक्षा/Moral:- इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि दूसरों का कभी बुरा नहीं चाहना चाहिये, और लोभ नहीं करना चाहिये।
Pariyon ki Kahaniyan मोची और परियां
बहुत समय पहले की बात है एक शहर मेँ एक मोची रहता था वह बहुत ही अच्छे जूते बनाता था और उससे अपने घर का पालन पोषण करता था उसके घर मेँ उसकी एक पत्नी थी वह उस से बहुत प्रेम करता था किंतु दुर्भाग्यवश उस मोची का काम बहुत अच्छा नहीँ चलता था और वह अन्य मोचियों के मुकाबले गरीब होता जा रहा था
फिर एक दिन वह इतना दुखी हो गया कि उसने अपने पास बचे हुए जूते बनाने के अंतिम सामान को देखा और उसे अचे दाम पर बेचने की भावना लिए मेज पर रख दिया। उसकी पत्नी जो सब देख रही थी और एक सुंदर और बुद्धिमान ओरत थी।
उसने अपने पति को धैर्य रखने और साहस रखने के लिए समझाया। थोड़ी देर आराम कर ले वह मोची आराम करते करते थक कर सो गया उसे पता नहीँ चला|
वहाँ से कुछ परिया निकल रही थी जो उन की बात सुनकर उनकी इस अवस्था पर बहुत दुखी हुई। और उंहोन्ने निश्चय किया कि हमेँ उनकी मदद करनी चाहिए जब रात हो गई। मोची और उसकी पत्नी सोने चले गए तब परियो ने आकर एक जोड़ी सुंदर जूते बनाये और मेज पर रख कर चली गई जब सुबह मोची जागा तो उसे वह जूते दिखाई दिए और वह बहुत आश्चर्यचकित व खुश हुआ और मोची ने बाजार मेँ जाकर उन जूतो को बेचा उसे अच्छे पैसे मिले|
जिससे मोची ने नए जूते बनाने का सामान खरीदा और घर ले आया शाम होने पर वह जब सोने को चला गया तो फिर से परियो आई और उंहोन्ने मोची द्वारा लए हुए सामान से चार जोड़ी सुंदर जूते बनाए और सुबह जब मोची फिर से जागा तो बहुत खुश हुआ अब यह काम काफी समय तक चलता रहा रात मेँ मोची सामान लाकर रख देता था और सुबह जब सो कर उठता तो सारे झूते बनकर तैयार हो जाते थे| Pariyon ki Kahaniyan
फिर एक दिन मोची और उसकी पत्नी ने सोचा आखिर यह कौन करता है? क्यों न इन्हे देखा जाये ? और यह सोच कर वे दरवाजे के पीछे चिप गए और उन्होंने परियोँ को कुछ उपहार देने के लिए सुन्दर वस्त्रो को वह रख दिया। Pariyon ki Kahaniyan
फिर जब रात में परिया आई तो उन्होंने वह सुन्दर वस्त्रो को देखा वे उसे पहनकर बहुत खुश हुई और उन्होंने वे जूते बनाये और सदा के लिए वहाँ से चली गयी. मोची और उसकी पत्नी ने बुरे समय में साथ देने के लिए उनका धन्यवाद किया और ख़ुशी ख़ुशी रहने लगे।
snow white ki kahani
(स्नो वाइट और सात बौने)
एक बार की बात है दूर प्रदेश मेँएक लड़की रहती थी उसका रंग हिमालय पर्वत की बर्फ की तरह सफ़ेद था और उसके बालोँ का रंग काजल के समान काला था और उसके ओठो का रंग गुलाब के समान गुलाबी था इसलिए उसका नाम स्नो वाइट था वह बहुत सुंदर लड़की थी उसकी सुंदरता विश्व प्रसिद्ध थी।
उसकी एक सौतेली माँ थी जो बहुत सुंदर थी वह स्नो वाइट से नफरत करती थी उसकी माँ जो कि एक सुंदर स्त्री के साथ साथ एक जादूगरनी भी थी। वह बहुत घमंडी थी उसके पास एक जादुई आईना था|
सौतेली माँ रोज उस से पूछा करती थी कि- ” बता आईने इस जगत मेँ सबसे सुंदर कौन है। ”
आईना कहता- ” रानी आप से सुंदर इस जगत कोई नहीँ है आप सबसे सुंदर रानी है। ”
आईने की बात सुनकर रानी बहुत खुश होती थी परंतु एक दिन जब
रानी ने उस आईने से पूछा -” बता आईने इस जगत मेँ सबसे सुंदर कौन है तो वह आईना बोला रानी आप बहुत सुंदर है किंतु सबसे सुंदर इस जगत स्नो वाइट है। रानी ने जब ऐसा सुना तो वह तिलमिला कर बोली आईने तू होश में तो है।
आईने ने फिर से अपनी बात को दोहराया- ” रानी आप बहुत सुन्दर है किन्तु इस जगत में सबसे सुन्दर तो स्नो वाइट ही है। ”
यह सुनकर सौतेली माँ ने गुस्से में अपने सेनिको को आदेश दिया -” सेनिको … स्नो वाइट को पकड़ लो और जंगल में ले जाकर मार डालो। ” सेनिको ने ऐसा ही किया वे उसे राजमहल से जंगल ले आये किन्तु उन्हें उसपर दया आई और उन्होंने उसे जंगल में जिन्दा छोड़ दिया और महल वापस चले गए। स्नो वाइट को जंगल में भटकते हुए एक छोटा और सुन्दर घर दिखा वह उस घर में जा पहुंचीं। यह घर सात बौनों का था बौनों ने जब राजकुमारी की पूरी कहानी सुनी तो वह बोले स्नो वाइट अगर तुम चाहो तो हमारे साथ रह सकती हो। राजकुमारी ने बौनों का धन्यवाद किया और उनके साथ रहने लगी। बौने घर से बहार जाते तो राज कुमारी घर का सारा काम करती थी।
एक दिन रानी ने फिर से आईने से पूछा -” बताओ आईने सब से सुन्दर कौन है ?”
आइना बोला- रानी आप बहुत सुन्दर है मगर आपसे भी सुन्दर स्नो वाइट है। ”
रानी ने गुस्से में कहा- ” किन्तु वह तो मरचुकी है। ”
आइना बोला- ” नही वह जंगल में सात बौनों के साथ रहरही है। ” रानी ने मन ही मन सोचा इस बार में खुद उसे मारूंगी। और वह जंगल में एक बूढी सेब बचने वाली ओरत का भेस बदल कर बौने के घर पहुंची और स्नो वाइट से सेब खरीद ने के लिए कहने लगी।
राजकुमारी के माना करने पर बोली-” बस एक बार इसको चख तो लो ये बहुत मीठे है। ” और स्नो वाइट का देते हुए बोली। जैसे ही स्नो वाइट ने उसे खाया वह बेहोश होकर गिर गयी। रानी खुश होकर हसी और वापस महल आ गयी। िदहर जब बोन घर वापस आये तो उन्होंने उसे मृत समझ कर एक ताबूत में रख दिया और दुखी होने लगे तभी वहां एक राजकुमार आया उसने जब स्नो वाइट को देखा तो वह उसके रूप पर मोहित हो गया और उसने उसके कोमल ओठो को चुम लिया तभी वह सेब का टुकड़ा जो राजकुमारी के मुह में था वह बहार निकल गया। और राज कुमारी पहले की तरह स्वास्थ हो गयी।
रानी ने महल पहुंच कर फिर से आईने से पूछा तो आईने ने फिर से स्नो वाइट को सबसे सुन्दर बताया।
इस पर रानी ने गुस्से में आईने को फेकते हुए बोली -” ये नही हो सकता मेने उसे स्वयं मृत्यु दी है। यह आइना झूट बोलता है और उसने आईने का तोड़ दिया।
स्नो वाइट और राजकुमार ने आपस में विवाह कर लिया और वह उस राजकुमार के साथ महल को चली गयी। Pariyon ki Kahaniyan
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Final Words:- आशा करता हू कि ये सभी कहांनिया Pariyon ki Kahaniyan आपको जरूर पसंद आई होगी । और ये सभी कहानियां और को बहुत ही प्रेरित भी की होगा । अगर आप ऐसे ही प्रेरित और रोचक कहानियां प्रतिदिन पाना चाहते हैं तो आप हमारे इस वेबसाइट को जरूर सब्सक्राइब करले जिससे कि आप रोजाना नई काहानियों को पढ़ सके धन्यवाद।